sidh kunjika - An Overview
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
श्री वासवी कन्यका परमेश्वरी अष्टोत्तर शत नामावलि
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे।
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
धां धीं धूं धूर्जटेः more info पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।